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इतिहास

घाटमपुर उत्तर प्रदेश के कानपुर ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। इसका नाम यहां के प्राचीन घाटों से लिया गया है, जो यमुना नदी के किनारे स्थित थे। प्राचीन काल में घाटमपुर व्यापार और धर्म का एक प्रमुख केंद्र था। मुग़ल और ब्रिटिश काल के दौरान यह नगर और अधिक विकसित हुआ और प्रशासनिक केंद्र के रूप में उभरा। आज घाटमपुर एक प्रमुख औद्योगिक और कृषि क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां परधान रूप से गेहूं, धान, और गन्ना की खेती होती है। इसके अलावा, स्थानीय उद्योगों का भी अच्छा योगदान है, जिनमें छोटे पैमाने पर कपड़ा, लोहा और चमड़ा उद्योग शामिल हैं। घाटमपुर में शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी सुधार हुआ है, जहां कई विद्यालय और महाविद्यालय मौजूद हैं। यहां के बाजार कृषि और घरेलू उत्पादों के लिए प्रसिद्ध हैं।


घाटमपुर कानपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सड़क मार्ग से कानपुर और आसपास के शहरों से घाटमपुर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन कानपुर सेंट्रल है। लखनऊ का हवाई अड्डा यहां का निकटतम हवाई अड्डा है।








जिले के बारे में

कानपुर भारतवर्ष के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक नगर है। यह नगर गंगा नदी के दक्षिण तट पर बसा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से ८० किलोमीटर पश्चिम स्थित यहाँ नगर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस शहर की स्थापना सचेन्दी राज्य के राजा हिन्दू सिंह ने की थी। कानपुर का मूल नाम ‘कान्हपुर’ था। नगर की उत्पत्ति का सचेंदी के राजा हिंदूसिंह से, अथवा महाभारत काल के वीर कर्ण से संबद्ध होना चाहे संदेहात्मक हो पर इतना प्रमाणित है कि अवध के नवाबों में शासनकाल के अंतिम चरण में यह नगर पुराना कानपुर, पटकापुर, कुरसवाँ, जुही तथा सीमामऊ गाँवों के मिलने से बना था। पड़ोस के प्रदेश के साथ इस नगर का शासन भी कन्नौज तथा कालपी के शासकों के हाथों में रहा और बाद में मुसलमान शासकों के।